सौंफ के नियमित सेवन से आंखों की रोशनी तेज होती है। रोजाना 5-6 ग्राम सौंफ का सेवन करने से लीवर और आंखों की रोशनी ठीक रहती है।
भारतीय खाने में सौंफ का इस्तेमाल स्वाद बढ़ाने के लिए किया जाता है ।सौंफ दिखने में जीरा की तरह होती है ।साथ ही साथ सौंफ का इस्तेमाल आयुर्वेदिक औषधि के रूप में भी किया जाता है ।सौंफ एक मसाला है। सौंफ का उपयोग मुंह को शुद्ध करने और घरेलू औषधि के रूप में होता आ रहा है। इसका पौधा लगभग एक मीटर ऊंचा तथा सुगन्धित होता है।सौंफ का वैज्ञानिक नाम फॉनिक्युल वल्गारे (Foeniculum vulgare) है।
सौंफ में कई पोषक तत्व होते है जैसे कैल्शियम, सोडियम, आयरन, पोटेशियम, जो शरीर को कई बीमारियों की चपेट में आने से रोकते हैं ।सौंफ को कई दवाओं में भी इस्तेमाल किया जाता है जो पाचन, पेट दर्द, और मुंह की बदबू दूर करने और आंखों की रोशनी के लिए लाभदायक है । दिमाग के लिए भी सौंफ का इस्तेमाल किया जाता है । सौंफ के निरंतर इस्तेमाल से याददाश्त को बढ़ाया जा सकता है । सौंफ के इस्तेमाल से पेट से संबंधित जटिल समस्या से निजात पाई जा सकती है। सौंफ में कई ऐसे तत्व पाए जाते हैं जिससे पेट की गंभीर समस्याओं से छुटकारा मिलता है जैसे पेट दर्द, पेट में सूजन, गैस या पेट फूलना, अल्सर, कब्ज आदि से राहत दिलाने में सौंफ काफी कारागार है।
सौंफ के नियमित सेवन से आंखों की रोशनी तेज होती है। रोजाना 5-6 ग्राम सौंफ का सेवन करने से लीवर और आंखों की रोशनी ठीक रहती है।
कोलेस्ट्रॉल के बढ़ते स्तर रोकने के लिए खाने के लगभग 30 मिनट बाद एक चम्मच सौंफ जरूर खानी चाहिए । सौंफ कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रण में रखती है और खाने को पचाने में भी काफ़ी मदद करती है।
सूखी, रोस्टेड और कच्ची सौंफ को बराबर मात्रा में मिलाकर इसे खाने के बाद खाने से पाचन क्रिया बेहतर रहती है और तला भुना या हैवी खाना खाने के बाद हल्का महसूस होता है। साथ ही एक चम्मच सौंफ 2 कप पानी में उबालकर इस मिश्रण को दिन में दो-तीन बार लेने से आंतें अच्छा महसूस करती है और खांसी भी दूर होती है।
सौंफ की पत्तियों में खांसी संबंधी परेशानियां जैसे दमा व ब्रोन्काइटिस को दूर रखने की भी क्षमता होती है। सौंफ को अंजीर के साथ खाने से खांसी व ब्रोन्काइटिस को दूर होती है । कफ और खांसी के इलाज के लिए सौंफ खाना काफी उपयोगी होता है।
मासिक चक्र को नियमित बनाने के लिए सौंफ खाना महिलाओं के लिए काफी लाभदायक होता है ।
आंखों में जलन या खुजली को दूर करने के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जाता है । सौंफ में ऐसे विटामिन होते है जो बढ़ती उम्र में आपकी आंखों की रोशनी को नकारतक प्रभावो से बचाते है।
सौंफ की चाय पीने से वजन कम होता है ।सर्दियों में सौंफ के इस्तेमाल से स्वास्थ्य से संबंधित समस्याओं से छुटकारा पाने में आसानी होती है ।यह फेफड़ों में बलगम को बनने से रोकता है और फेफड़ों को स्वस्थ रखता है ।
मुंह की सांसों को ताजा बनाए रखने के लिए सौंफ का इस्तेमाल किया जाता है । सौंफ को माउथ फ्रेशनर की तरह भी प्रयोग किया जाता है ।सौंफ चबाने से मुंह में लार अधिक मात्रा में बनती है जो बैक्टीरिया को दूर करने में मददगार साबित होती है, साथ ही साथ यह मुंह के संक्रमण से भी बचाव करती है ।
सौंफ में फाइबर अधिक होने से यह कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में भी लाभदायक है क्योंकि फाइबर कोलेस्ट्रोल को खून में घुलने से रोकता है ।
सौंफ में एंटीऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में होते हैं जो कब्ज जैसी समस्या को कम करने में मदद करता है। सौंफ में एथेनॉल भी पाया जाता है जो महिलाओं में दूध बनाने की क्षमता को बढ़ाता है इसीलिए स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए सौंफ काफी लाभकारी होता है। महिलाओं में हाई ब्लड प्रेशर की समस्या काफी देखने को मिलती है, सौंफ में मैग्नीशियम अधिक होता है जिससे इस समस्या को आसानी से निपटाया जा सकता है। रक्तचाप नियंत्रित करने में तो ये काफी अधिक मददगार साबित होता है। इसमें मौजूद पोटैशियम खून में सोडियम की मात्रा को नियंत्रित करके रखता है ।
फाइबर से भरपूर सौंफ बढ़ते वजन को नियंत्रित करने में भी लाभदायक हो सकती है। यह न सिर्फ वजन कम करने में सहायक होती है, बल्कि शरीर में अतिरिक्त फैट को बनने से भी रोकती है। कोरिया में हुए एक शोध के मुताबिक सौंफ की एक कप चाय पीने से भी बढ़ते वजन को रोका जा सकता है।
सौंफ के इस्तेमाल से अनिद्रा को दूर किया जा सकता है क्योंकि इसमें ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो नींद लाने में मददगार साबित होते हैं ।
महिलाओं में स्तनों के आकार में वृद्धि के लिए भी सौंफ का इस्तेमाल किया जाता है ।
सौंफ में सेलेनियम की मात्रा काफी पाई जाती है जो लवर के काम करने की क्षमता को बढ़ाती है।
सौंफ में एंटी बैक्टीरियल ,एंटी माइक्रोवेल ,एंटी फंगल, एंटी इन्फ्लेमेटरी तत्व पाए जाते हैं जो त्वचा की सुंदरता बनाए रखने में मददगार होते है। वैज्ञानिक शोध के अनुसार सौंफ का इस्तेमाल करने से पुरुषों की यौन शक्ति में भी वृद्धि देखी गई है।