नासा ने अपना मून मिशन आर्टमिस 1 लान्च कर दिया है, जिसके तहत नासा 4 अंतरिक्ष यात्रियो को चंद्रमा पर भेजने वाला है।
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने एक अंतरिक्ष मिशन निर्देशित किया है, जिसका नाम मिशन आर्टेमिस है। इसका लक्ष्य हमारे चांद पर फिर से मनुष्य को भेजना होगा और उसके बारे में और ज्यादा से ज्यादा जानकारियां जुटाना होगा। आर्टेमिस मिशन चंद्रमा पर एक स्थाई उपस्थिति स्थापित करने के नासा के दीर्घकालिक लक्ष्य की दिशा में पहला कदम होने जा रहा है, जो कि हमारे चंद्र अर्थव्यवस्था का निर्माण करने के लिए निजी कंपनियों के लिए नींव बनेगा और मानव प्रजाति को मंगल ग्रह पर भेजने का कार्य करेगा।
कैसे मिला आर्टेमिस नाम:-
आर्टेमिस को अपोलो की जुड़वा बहन कहा जाता है और ग्रीक पौराणिक कथाओं में आर्टेमिस चंद्रमा की देवी थी। अब वह चंद्रमा पर नासा के रास्ते का प्रतिनिधित्व कर रही है। 2024 तक अंतरिक्ष यात्रियों को चांद पर लौटने के लिए नासा के मिशन के नाम आर्टेमिस रखा गया है जिसमें पहली महिला और अगला पुरुष में शामिल है।
चंद्रमा से जुड़े कुछ पुरानी बातें
जैसे अपोलो मिशन का लक्ष्य चांद पर पहले मानव को भेजना था उसी प्रकार आर्टेमिस मिशन चंद्रमा पर एक स्थाई उपस्थिति स्थापित करने का लक्ष्य रखता है जिस पर वह काफी समय से मेहनत कर रहा है और इस मिशन की ओर नासा का यह पहला कदम होगा, और इसकी एक और विशेषता है कि यह चांद पर पहली औरत भी भेजेगा। अगले अंतरिक्ष यात्रियों को आर्टेमिस मिशन के द्वारा चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर को उतरा जायेगा।
आर्टेमिस 3
आर्टेमिस टीम को एसएलएस ब्लॉक-1 रॉकेट पर 2024 में लॉन्च करने की योजना तैयार की गई है। यह मिशन के पहले चालक दल को चांद पर पहुंचाने के लिए न्यूनतम गेटवे और पीछे छोड़ने के लिए लैंडर का उपयोग करने वाला है और यान को चांद के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र पर उतारने की योजना बनाई गई है।
स्पेस लॉन्च सिस्टम एक अमेरिकी सुपर हेवी लिफ्ट एक्सपेंडेबल रॉकेट है जिसका अभी विकास चल रहा है। यह नासा की लंबी दूरी तय करने के लिए अंतरिक्ष अन्वेषण की योजनाओं का प्राथमिक लांच वाहन होगा जिसमें आर्टेमिस मिशन योजनाबद्ध चालक दल युक्त चंद्र उड़ाने भी शामिल हो सकती हैं।
कौन है चंद्रमा पर जाने वाले चार अंतरिक्ष यात्री?
आर्टेमिस मिशन में हिस्सा लेने वाले चार यात्रिओं के बारे में नासा ने 3 अप्रैल 2023 को बताया। 2024 के अंत तक आर्टेमिस को लांच कर दिया जायेगा। यह मिशन 10 दिन का होगा जिसमे 4 अंतरिक्ष यात्रिओं को भेजा जायेगा, जो की चाँद की सतह पर न उतरकर चाँद के करीब से गुजरेंगे। यह समूह पृथ्वी के क्षेत्र को छोड़कर चन्द्रमा के पास पहुंचने वाला यह पहला समूह होगा।
यह मिशन भविष्य में चंद्रमा पर उतरने के लिए आवश्यक तकनीक और उपकरणों का विस्तार से परीक्षण करेगा और चंद्रमा की सतह पर नासा की योजनाबद्ध यात्रा का एक महत्वपूर्ण कदम होने जा रहा है।
क्या है आर्टेमिस का लक्ष्य?
एजेंसी युवाओं को अंतरिक्ष में रुचि लेने के लिए प्रेरित करना चाहती है , व्यापक आर्टेमिस मिशन को अधिक आर्थिक और राजनीतिक रूप से टिकाऊ बनाने और अंत में भविष्य के मशीनों के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग का प्रोत्साहित करने की उम्मीद कर रही है एक अंतरिक्ष नीति विशेषज्ञ के रूप में मेरे दृष्टिकोण से 48 में अंतरिक्ष यात्री इन लक्ष्यों को पूरा करने की प्रक्रिया के लिए एकदम उपयुक्त है।
नासा ने किसे चुना है चंद्रमा की यात्रा के लिए?
आर्टेमिस क्रू मेंबर्स के 4 सदस्य काफी ज्यादा अनुभव शील हैं। जिनमें से तीन पहले ही अंतरिक्ष यात्रा कर चुके हैं। अंतरिक्ष की उड़ान भरने वाला एक यात्री विशेष तौर पर कनाडा को प्रस्तुत कर रहा है जो इस मिशन को एक अंतरराष्ट्रीय मिशन बनाता है। मिशन के कमांडर रीड वाइसमैन होने जा रहे हैं जो की एक नौसैनिक एविएटर और टेस्ट पायलट रहेंगे। अंतर्राष्ट्रीय स्पेस स्टेशन ने अपने पिछले मिशन में 165 दिन बिताने और 1 हफ्ते में 82 घंटे की नयी खोज का रिकॉर्ड बनाया था। 2020 से 2023 तक अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री कार्यलय के प्रमुख वाइसमैन रहे है।
मिशन के अगले यात्री का नाम विक्टर ग्लोवर है। 40 से ज्यादा विभिन्न विमानों में 3000 घंटे से अधिक की उड़ान भरने के बाद, 2013 में वे अंतरिक्ष यात्री कोर के लिए चुने गये थे। वे क्रू 1 मिशन के पायलेट थे, जिसमें अंतरिक्ष यात्रियों को स्पेस स्टेशन पर लाने के लिए स्पेसएक्स राकेट और कैप्सूल का प्रयोग किआ गया था। वे फ्लाइट इंजीनियर के रूप में आईएसएस पर काम कर चुके हैं।
चालक दल की तीसरे और अकेली महिला यात्री “क्रिस्टीना कोच” हैं। खबरों के अनुसार उन्होंने अंतरिक्ष में 328 दिन बीता चुकी हैं। किसी भी अन्य महिला से हटकर उन्होंने 3 आईएस अभियानों में छह अलग-अलग स्पेसवॉक में भी भाग लिया था। क्रिस्टीना कोच इंजीनियर है जो पहले नासा के स्पेस फ्लाइट सेंटर में काम करती थीं।
चालक दल के अगले प्रतिभागी एक कनाडाई हैं। इनका नाम जेरेमी हैनसेन है। यह नीमो 19 जैसे अंतरिक्ष सिमुलेशन का हिस्सा रह चुके हैं। जिसमें ये गहरे अंतरिक्ष अन्वेषण का परीक्षण करने के हेतु समुद्र तल पर एक स्थान में रहे थे। वह रॉयल कनाडियन एयर फोर्स में F-18 विमान के पायलट रह चुके हैं।
इन चारों अंतरिक्ष यात्रियों ने अंतरिक्ष में जाकर काफी अनुभव प्राप्त किए हैं। अपोलो अंतरिक्ष यात्रियों की तरह उनमें से 3 ने सैनिक पायलट के रूप में अपना करियर शुरू किया था। इसमें विसमैन और ग्लोवर पहले से प्रशिक्षित परीक्षण पायलट है। कोच अपनी इंजीनियरिंग विशेषज्ञता के कारण अंतरिक्ष यात्रियों के लिए ज्यादा विशिष्ट कहलाती है।
यह अमेरिका जैसे विकसित देश को अंतरिक्ष में अंतरराष्ट्रीय नेतृत्व प्रदान करने में भी मददगार साबित हुआ है क्योंकि अन्य देशों मैं विशेष रूप से चीन के साथ प्रतिस्पर्धा कड़ी होती है। अपोलो के अंतरिक्ष यात्रियों की तुलना में आर्टेमिस का दल भी काफी हटके है। नासा ने हमेशा कहा है कि आर्टेमिस मिशन पहली महिला और पहले अश्वेत व्यक्ति को चंद्रमा पर भेजने की योजना बना रहा है। कोच और ग्रोवर के साथ आर्टेमिस उस वादे को पूरा करने और अंतरिक्ष और कर्ताओं की भावी पीढ़ियों को प्रेरित करने के लक्ष्य की ओर अपना पहला कदम रखने जा रहा है। इस पर सवार होने वाले चार अंतरिक्ष यात्री 1972 के बाद से चंद्रमा के आसपास के क्षेत्र में कदम रखने वाले पहले इंसान होंगे।
उड़ान के दौरान चालक दल अंतरिक्ष यान की निगरानी करने वाला है और एक नई संचार नीति का परीक्षण करेगा जो उन्हें अधिक डेटा भेजने और पिछली प्रणालियों की तुलना में पृथ्वी के साथ अधिक आसानी से संचार या वार्तालाप करने में सहायता करेगी। अगर सब कुछ योजना के अनुसार होगा तो 2025 के अंत तक चंद्रमा की सतह पे इंसान की वापसी को चिन्हित कर सकता है चालक दल के साथ कार्यक्रम को इंसान को एक बार फिर से चंद्रमा की सतह पर पहुंचाने के लिए लंबा रास्ता तय करना है। एक बार फिर से चंद्रमा की सतह पर जाने के लिए एक बहुत ही लंबा रास्ता तय करना है। चालक दल की प्रेस कॉन्फ्रेंस से पता चलता है कि नासा कैसे एक और सहयोगी तरीके से वहां पहुंचने का एक पक्का और ठोस इरादा रखता है।